बदलती प्रवृत्ति (A Changing Trend)
आजकल हम एक नई प्रवृत्ति देख रहे हैं, Return to India , जहां पहले विदेशों में बसने वाले भारतीय अब वापस भारत लौटने का फैसला कर रहे हैं। यह बदलाव इसलिए भी खास है क्योंकि एक समय था जब भारतीय बेहतर नौकरी, उच्च जीवन स्तर और शिक्षा के लिए विदेश जाने को प्राथमिकता देते थे। लेकिन अब, समय बदल रहा है और भारत में बढ़ते अवसर और बेहतर जीवन की संभावनाएँ लोगों को वापस लौटने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
पहले, विदेश जाकर बसना भारतीयों का एक बड़ा सपना होता था—जहाँ उन्हें बेहतर सैलरी, करियर ग्रोथ, और जीवन की गुणवत्ता की उम्मीद होती थी। लेकिन अब, भारत में भी कई ऐसे कारण उभर कर आ रहे हैं जो विदेश से वापस लौटने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं।
आर्थिक अवसर और वृद्धि (Economic Opportunities and Growth)
Booming Economy: भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, और आईटी, फाइनेंस, स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों की भरमार है। इस आर्थिक उछाल ने भारत को एक आकर्षक करियर विकल्प बना दिया है। अब भारतीय प्रोफेशनल्स को लगता है कि विदेश में रहकर जितने मौके मिलते थे, वैसे ही या उससे भी बेहतर मौके अब भारत में मिल रहे हैं।
Entrepreneurship: भारत में स्टार्टअप कल्चर का जोर है, जो प्रोफेशनल्स और उद्यमियों को अपनी प्रतिभा और विचारों को साकार करने का मौका दे रहा है। इसने बहुत से लोगों को भारत लौटने के लिए प्रेरित किया है, जहाँ वे अपनी कंपनी शुरू कर सकते हैं और एक नया मुकाम हासिल कर सकते हैं।
Cost of Living: विदेशों में जीवनयापन की लागत अक्सर बहुत ज्यादा होती है, जबकि भारत में तुलनात्मक रूप से यह कम है। इससे न केवल बचत की संभावना बढ़ जाती है, बल्कि एक आरामदायक जीवन जीने का मौका भी मिलता है। इसलिए, कई भारतीय अब महसूस कर रहे हैं कि वे भारत में रहकर भी वही सुविधाएँ और जीवन स्तर पा सकते हैं, जो उन्हें विदेशों में मिलती थी।
सांस्कृतिक और पारिवारिक जुड़ाव (Cultural and Family Connections)
Family Ties: परिवार के करीब रहना और खासकर बूढ़े होते माता-पिता की देखभाल करना एक प्रमुख कारण है, जो भारतीयों को वापस लौटने के लिए प्रेरित कर रहा है। भारत में पारिवारिक मूल्यों का बहुत महत्व है, और कई लोग महसूस करते हैं कि परिवार के साथ रहकर वे जीवन का असली सुख पा सकते हैं। विदेश में अक्सर परिवार से दूर रहने की मजबूरी होती है, जो कई लोगों को वापस लौटने के लिए प्रेरित करती है।
Cultural Comfort: एक परिचित सांस्कृतिक वातावरण में रहना भी एक बड़ा आकर्षण है। भारत की भाषा, परंपराएँ, और सामाजिक मानदंड जो बचपन से लेकर युवावस्था तक का हिस्सा रहे हैं, विदेश में रहते हुए अक्सर छूट जाते हैं। भारतीय संस्कृति और त्योहारों का हिस्सा बनने की इच्छा, और उस माहौल में रहने की लालसा जहाँ लोग आपकी भाषा बोलते हैं और आपके जैसे ही रीति-रिवाजों का पालन करते हैं, लोगों को वापस भारत लौटने के लिए प्रेरित करती है।
इन सभी कारणों के चलते, अधिक से अधिक भारतीय विदेशों में समय बिताने के बाद अपने देश लौटने का निर्णय ले रहे हैं। आर्थिक अवसर, सांस्कृतिक जुड़ाव, और परिवार के करीब रहने की चाहत इन सबका मिलाजुला असर है, जो इस नई प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहा है।
जीवन की गुणवत्ता (Quality of Life)
Work-Life Balance: भारत में वापस लौटने वाले भारतीयों के लिए Work-Life Balance एक प्रमुख कारण है। विदेशों में काम के लंबे घंटे और अकेलापन कई बार तनाव और थकान का कारण बनते हैं। इसके विपरीत, भारत में विस्तारित परिवार और घरेलू सहायता जैसे सपोर्ट सिस्टम के कारण Work-Life Balance बनाए रखना आसान हो जाता है। यहाँ परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिससे जीवन का संतुलन बेहतर होता है।
Healthcare and Education: पिछले कुछ सालों में भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। नए अस्पतालों, बेहतर चिकित्सा सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संस्थानों की बढ़ती संख्या ने भारत को रहने के लिए एक आकर्षक स्थान बना दिया है। अब लोग बिना किसी चिंता के अपने परिवार की स्वास्थ्य और शिक्षा की जरूरतों को भारत में ही पूरा कर सकते हैं।
Community and Social Life: भारत का समृद्ध सामुदायिक जीवन भी वापस लौटने वाले भारतीयों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ के पारंपरिक त्योहार, सामाजिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक गतिविधियाँ एक गहरे सामुदायिक अनुभव का अहसास कराती हैं। लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध और सामाजिक संपर्क का यह अनुभव, जो विदेशों में मिलना मुश्किल होता है, भारत में सहज रूप से उपलब्ध है।
वैश्विक महामारी का प्रभाव (Impact of the Global Pandemic)
Remote Work: कोविड-19 महामारी ने काम करने के तरीके को बदल दिया है। अब Remote Work एक सामान्य प्रैक्टिस बन गई है, जिससे प्रोफेशनल्स को कहीं से भी काम करने की आज़ादी मिल गई है। इसका मतलब है कि लोग अब भारत में रहते हुए भी विदेश में काम कर सकते हैं। इस लचीलेपन ने कई भारतीयों को वापस लौटने का मौका दिया, क्योंकि अब वे अपने परिवार के पास रहकर भी अपने काम को जारी रख सकते हैं।
Safety and Healthcare: महामारी के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता ने भी लोगों के वापस लौटने के फैसले को प्रभावित किया है। भारत में सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा स्वास्थ्य सेवा में सुधार के प्रयासों ने लोगों को यह भरोसा दिलाया कि वे यहाँ सुरक्षित रह सकते हैं। इसके साथ ही, भारत में व्यापक परिवार के साथ रहने का मतलब है कि किसी भी आपात स्थिति में सहारा मिल सकता है, जो कि विदेश में संभव नहीं होता।
मानसिक और भावनात्मक संतुलन (Mental and Emotional Well-being)
Stress Reduction: भारत में रहकर परिवार और घर की सुविधा के साथ तनाव को कम करना संभव हो पाता है। विदेश में अक्सर अकेलापन और पारिवारिक सहयोग की कमी से तनाव बढ़ जाता है। भारत में, परिवार के साथ रहकर जीवन का आनंद लेना और कठिनाइयों का सामना करना आसान हो जाता है, जिससे मानसिक और भावनात्मक संतुलन बनाए रखना सरल हो जाता है।
Sense of Belonging: भारत में रहने का एक बड़ा लाभ यह है कि यहाँ आपको एक परिचित वातावरण और अपनी संस्कृति का हिस्सा बनने का मौका मिलता है। यह मानसिक और भावनात्मक संतुलन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। अपने देश में, अपने लोगों और जगहों के बीच रहकर, एक गहरी संतोष और सुरक्षित महसूस होता है, जो किसी भी विदेशी देश में संभव नहीं है।
इन सभी कारणों के चलते, भारत में वापस लौटने वाले भारतीयों को जीवन की गुणवत्ता में सुधार महसूस होता है, जो उन्हें विदेश में मिलना कठिन हो सकता है।
भारत की ओर वापसी—एक बढ़ता रुझान (Return to India—A Growing Trend)
पिछले कुछ सालों में हमने देखा है कि अधिक से अधिक भारतीय विदेशों में समय बिताने के बाद वापस भारत लौटने का निर्णय ले रहे हैं। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, स्टार्टअप कल्चर का उभरना, और जीवनयापन की लागत में अंतर ने भारतीय प्रोफेशनल्स और उद्यमियों को देश लौटने के लिए प्रेरित किया है। इसके अलावा, पारिवारिक और सांस्कृतिक जुड़ाव भी एक बड़ा कारक है, जहां लोग अपने परिवार और अपने सांस्कृतिक परिवेश के करीब रहना चाहते हैं। महामारी के बाद Remote Work की सुविधा और भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार ने भी इस प्रवृत्ति को मजबूती दी है।
भारत में वापस लौटने से न केवल जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी बेहतर हो रहा है। परिवार के साथ रहना, सांस्कृतिक और सामुदायिक जीवन का हिस्सा बनना, और एक परिचित माहौल में रहकर अपने जीवन का आनंद लेना, इन सभी चीज़ों ने इस प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है।